Vicky Kumar Anand
Classics
जब जब कलम से लिखता हूं तो
यही ख्याल आता है,
इस कलम में ताकत कितनी है,
किसी को शिक्षावान और
किसी को गुणवान बनाती है।
कलम
प्रसन्न हुए असुर और देवता बड़े उत्साह से समुन्द्र मथने लगे! प्रसन्न हुए असुर और देवता बड़े उत्साह से समुन्द्र मथने लगे!
श्री शुकदेव जी कहें, परीक्षित अम्बरीष मान्धाता के श्रेष्ठ पुत्र थे । श्री शुकदेव जी कहें, परीक्षित अम्बरीष मान्धाता के श्रेष्ठ पुत्र थे ।
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित श्री कृष्ण की प्रत्येक पत्नी से. श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित श्री कृष्ण की प्रत्येक पत्नी से.
आज युद्ध की आहूती में बारी मेघनाद की आई थी मारूँगा या मर जाऊँगा सौगंध पिता की खाई थी आज युद्ध की आहूती में बारी मेघनाद की आई थी मारूँगा या मर जाऊँगा सौगंध पिता क...
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भगवान् शंकर ने जब सुना ये कि असुरों को मोहित करने को। श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भगवान् शंकर ने जब सुना ये कि असुरों को मो...
जन्म जन्म के लिए ऋणी तुम्हारा मुझे उऋण कर सकती तुम सभी। जन्म जन्म के लिए ऋणी तुम्हारा मुझे उऋण कर सकती तुम सभी।
अरिष्टासुर नाम का दैत्य एक आया रूप बैल का धर के । अरिष्टासुर नाम का दैत्य एक आया रूप बैल का धर के ।
श्रीकृष्ण की सुन लो कथा तुम, आज पूरे ध्यान से। भवसागरों से मुक्ति देती, यह कथा सम्मान । श्रीकृष्ण की सुन लो कथा तुम, आज पूरे ध्यान से। भवसागरों से मुक्ति देती, यह कथ...
जरासन्ध की सेना ने वहाँ वाणों की वर्षा कर दी थी. जरासन्ध की सेना ने वहाँ वाणों की वर्षा कर दी थी.
परीक्षित, भगवान की आज्ञा मानकर अक्रूर हस्तिनापुर चले गए। परीक्षित, भगवान की आज्ञा मानकर अक्रूर हस्तिनापुर चले गए।
कृष्ण पत्नियाँ उनके बिछोह की आशंका में व्याकुल हो जातीं सब । कृष्ण पत्नियाँ उनके बिछोह की आशंका में व्याकुल हो जातीं सब ।
श्रीशुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित वासुदेव गोकुल से लौट आये जब. श्रीशुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित वासुदेव गोकुल से लौट आये जब.
श्री शुकदेव जी कहें, हे परीक्षित सातवें वैवस्वत मनु हैं! श्री शुकदेव जी कहें, हे परीक्षित सातवें वैवस्वत मनु हैं!
नलकूबर और मणिग्रीव को नारद ने शाप दिया किस कारण से। नलकूबर और मणिग्रीव को नारद ने शाप दिया किस कारण से।
इस कलप के वैवस्वत मनु हुए पुत्र उनके थे इक्ष्वाकु आदि। इस कलप के वैवस्वत मनु हुए पुत्र उनके थे इक्ष्वाकु आदि।
काँप रही थी पृथ्वी, स्वर्ग भी था भयभीत। महिषासुर ने लिया, तीनों लोकों को जीत। काँप रही थी पृथ्वी, स्वर्ग भी था भयभीत। महिषासुर ने लिया, तीनों लोकों को जीत।
विरहावेश में गोपियाँ गाने लगीं हमारे व्रज की महिमा बढ़ गयी। विरहावेश में गोपियाँ गाने लगीं हमारे व्रज की महिमा बढ़ गयी।
श्री शुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित पूरी शक्ति से प्रहार करने लगे ! श्री शुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित पूरी शक्ति से प्रहार करने लगे !
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भगवान ने तब संकल्प कर लिया। श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भगवान ने तब संकल्प कर लिया।
अक्रूर जी कहें कि आप कारण हैं प्रकृति आदि समस्त कारणों के । अक्रूर जी कहें कि आप कारण हैं प्रकृति आदि समस्त कारणों के ।