किसी ने सोचा ना था....
किसी ने सोचा ना था....
किसी ने सोचा ना था....
इन दिनों यह क्या हो रहा है, हम सब यूं ठहरे समय से क्यों है? क्यों यह जानलेवा खिलवाड़ चल रहा है?
हम तो हमारे घर पर हैं, जो लोग नहीं हैं उन से विनती है कि अपने घर ही रहें.किसी ने सोचा ना था ऐसा कुछ समय आएगा , थम सा गया है.अब खुशियों के बारे में सोचें खुद के बारे में सोचें या परिवार के लिए । हजार मीलो दूर भी हैं हमारे घरवाले,हम सोचते रहते हैं, कब इन सब से छुटकारा मिलेगा ,प्रभु आप से तो विनती है कि पहले सा सब ठीक हो जाए और बाकी बुरी चीजें दूर हो जाएं । मनुष्य को अपने जीवन में खुशियां मिल जाए और वह सादा जीवन स्वीकार करें । ना ही किसी में किसी के लिए बैर हो, ना ही जलन , सब में एक दूसरे के लिए प्यार हो और सम्मान हो, जैसे कि हमारे लिए भी खुद को घर पर रखना, अपने घर के लिए जिम्मेदारी को समझना है कोरोना जल्दी से दूर हो जाए, साधारण मनुष्य जीवन वापस लौट आए अब तो हम यही सोचते हैं और सब ठीक हो जाए।