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रंजना उपाध्याय

Abstract

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रंजना उपाध्याय

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ख्वाब

ख्वाब

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मेरी ज़िंदगी इक ख्वाब है

ख्वाब बनकर मिला करो,

न चाहत बनकर मिलो

न रुस्वा बनकर मिलो


मेरी ज़िंदगी इक ख्वाब है

ख्वाब बनकर मिला करो

न दर्द बनकर मिलो

न गम बनकर मिलो,


मेरी जिंदगी इक ख्वाब है तो

ख्वाब बनकर मिला करो,

न ईर्ष्या बनकर मिलो

न घृणा बनकर मिलो 


मेरी ज़िंदगी इक ख्वाब है

ख्वाब बनकर मिला करो

सिर्फ मेरा प्यार बनकर

मिलो मेरा अश्क बनकर मिलो


मेरे महबूब बनकर मिलो

मेरे दीवाने बनकर मिलो

मेरी जिंदगी इक ख्वाब है

बस ख्वाब बनकर मिला करो।


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