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Devkaran Gandas

Abstract

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Devkaran Gandas

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ख़ुशी और गम

ख़ुशी और गम

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ऐ खुशी , तू यूँ ना इतरा 

ये खुशियाँ जो तू देख रही है 

वो तुझसे नहीं है ,

ये खुशियाँ है 

उन गमों की बदौलत

जो कुछ ही समय में

सीखा गए हैं

छोटी खुशियों की अहमियत

गर ना आते ये गम

मैं जान ही नहीं पाता 

इन खुशियों की अहमियत

और छोड़ देता उन

छोटी छोटी खुशियों को

जिन्हें अब मैं मनाता हूं

खुश होकर ।


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