खेल एक भावना
खेल एक भावना
क्या फर्क पड़ता है यार जीती या हारी
शिक्षा की नाव हमने है सवारी ।।०।।
कहते है लोग हम है जोकर
नही हैं हमे हार जीत की कोई फिकर
हर बार मिलती है सबसे ठोकर
पर... फिरसे खडे होते है हम रो रो कर
तो....
क्या फर्क पड़ता है यार जीती या हारी
शिक्षा की नाव हमने है सवारी ।।१।।
जितते है तो सब खुश हो जाते
अगले ही मैच में फिर से लड़खड़ाते
जीत की बूंद से हम सब को नेहलाते
पर हार का जिम्मेदार सिर्फ कोहली को ठहराते
तो....
क्या फर्क पड़ता है यार जीती या हारी
शिक्षा की नाव हमने है सवारी ।।२।।
किसीकी जीत से ज्यादा होते हमारी हार के चर्चे,
लगे जैसे गर्लफ्रेंड्स से ज्यादा बॉयफ्रेंड के खर्चे ।
मैच देखने के लिए नही बाटते टिकट के पर्चे
क्युकी चीकू भैय्या हर जगह सर्च है
तो....
क्या फर्क पड़ता जीती या हारी
शिक्षा की नाव हमने है सवारी ।।३।।
Rcb की बैटिंग सबसे निराली
जैसे गा रहे बिच मैदान में कवाली
गेंदबाज को खौफ हो जिसका वो कोहली
गेंद मारे ऐसे जैसे हो फटाको की दिवाली
तो....
क्या फर्क पड़ता है यार जीती या हारी
शिक्षा की नाव हमने है सवारी ।।४।।
गेल का देखकर खेल , गेंदबाज हो जाते फेल,
विपक्षी कप्तानी काटने लगता अपने नेल
फाइनल मे वो दे देता आसानी से झेल ...
तब क्यो होता नही भल्ले और गेंद का मेल
तो...
क्या फर्क पड़ता है यार जीती या हारी
शिक्षा की नाव हमने है सवारी ।।५।।
२०१६ जैसे टपका धरती पर सूरज का गोला
कोहली का बल्ला इस तरह से बोला
जैसे बाप ने बेटे को मारा हो चाबुक का टोला
पर हैदराबाद ने मनाया आखिर में जीत का पोला
तो ....
क्या फर्क पड़ता है यार जीती या हारी
शिक्षा की नाव हमने है सवारी ।।६।।
चेन्नई मुंबई दिल्ली हमे सब ने धोया
जीत की कगार पर आखर रुलाया
फिर भी क्राउड rcb ,rcb चिल्लाया
क्युकी उम्मीद की किरण ने हमे फिर मनाया
तो....
क्या फर्क पड़ता है यार जीती या हारी
शिक्षा की नाव हमने है सवारी ।।७।।
