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कहानी

कहानी

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रहना गर साथ हो जाये यारो,

फिर तो क्या बात हो जाये यारो।


रहगुज़र पे ही चली ये ज़िन्दगी है,

हमराह मिल जाये ये अच्छा है यारो।


लम्बे रास्तों का सफर है ज़िंदगी,

मौत से पहले गर वो मिलजाये यारो।


यूं अकेली कटती थी शाम हिज्र में,

ये चाँद एकबार नज़र आ जाये यारो।


रात में जुगनुओं की नींद उड़ाते थे,

बाम - ए - फलक वो लिहाफ मिल जाए यारो।


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