ख़्वाब
ख़्वाब
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एक मुक्कम्मल सा ख़्वाब था सो था,
वो मेरा एक हादसा सिर्फ था सो था।
वो निकलने वाले खुल्द से आदम का,
मेरे जैसा ही कोई काम था सो था ।।
ये बात भी अब अंजान नही रही तुमसे,
तुजसे बिछड़के वज़ू करना था सो था।
हा हम पीते हे शराब जमकर मानलिया,
लहू पिने के शौक से तो कम था सा।ो थ