कभी तो
कभी तो
बाक़ी सब ने तो बहुत सहलाया है,
कभी तो ख़ुद को ख़ुद भी सहलाओ।
बाक़ी सब को तो मन की खूब बताई,
कभी अपनी बात ख़ुद को भी बताओ।
बाक़ी सब ने तो खूब समझाया,
कभी अपना दर्द ख़ुद को भी समझाओ।
बाक़ी सब के कंधों का तो बहुत सहारा लिया है,
कभी तो ख़ुद भी खड़े हो जाओ।
