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Aravind Kumar Singh Shiva

Abstract

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Aravind Kumar Singh Shiva

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काशी

काशी

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रवि कहे गुरु आ जाओ,

काशी में रात बिता जाओ !

मान लिए हम चले बनारस,

कि काशी में हंगामा कर बैठे !

रवि कहे गुरु आ जाओ ...........

बम बम भोले की नगरी में,

गंगा घाटों की डगरी में ! 

कृष्ण गोपाल तशलीम सुबीर संग,

बिष्नु संतोष बहुसंत मिले !

रवि कहे गुरु आ जाओ .........

मित्र मंडली सब मस्ती में झूमे,

अरविन्द ह्रदय कवी मन डोले !

 रवि कहे गुरु आ जाओ ......


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