काशी
काशी
रवि कहे गुरु आ जाओ,
काशी में रात बिता जाओ !
मान लिए हम चले बनारस,
कि काशी में हंगामा कर बैठे !
रवि कहे गुरु आ जाओ ...........
बम बम भोले की नगरी में,
गंगा घाटों की डगरी में !
कृष्ण गोपाल तशलीम सुबीर संग,
बिष्नु संतोष बहुसंत मिले !
रवि कहे गुरु आ जाओ .........
मित्र मंडली सब मस्ती में झूमे,
अरविन्द ह्रदय कवी मन डोले !
रवि कहे गुरु आ जाओ ......
