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Ritu Digraskar

Romance

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Ritu Digraskar

Romance

काश

काश

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वो प्यार भरे दिन, जो बस इतनी सी ही थे तेरे साथ

काश! ये ज़िन्दगी भी उतनी ही होती।

वो प्यार भरी बातें तेरी,जो बस उसी वक्त के लिए थी

काश! ये वक्त भी उसी वक्त के साथ चला जाता।

वो तेरे प्यार के वादे ,जो बस एक वादे ही रह गए

काश! आज तेरे प्यार की यादें ही ना होती।

वो दिन जब तुम मुझे मिले, अपना बनकर

काश! वो दिन ही ना होते।

वो जिद था मेरा तुझे पाने का,

काश! वो जिद्द मेरा पूरा ही ना हुआ होता।


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