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AKANSHA YADAV

Inspirational

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AKANSHA YADAV

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कामयाबी कि मांसिल का सफ़र अकेला हैं!

कामयाबी कि मांसिल का सफ़र अकेला हैं!

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खुद क्या हम कुछ कर नही सकते,

क्या वो मांसिल क़ामयाबी की,

हासिल कर नही सकते

 

क्यूँ लोगों मे हम सहारा ढूँढ ते है,

बस चलना ही तो है, क्या अकेले चल नही सकते

 

क्यूँ लोगों में हम, भरोसा ढूँढ ते है,

बस खुद पे भरोसा, कर नही सकते

 

क्यूँ लोगों मे हम, ख़ुशियाँ तराशते है,

क्या खुद में, और खुद से ख़ुशी दे नही सकते

 

क्यूँ बातों के लिए, कान तुम्हें किसी और के चाइए

क्या खुद से बात, और अपने आप को

तुम समझ नही सकते

 

क्यूँ लोगों के सहारे से, आसमाँ को छूना ना है

क्या खुद का, आसमान तुम बना नही सकते

 

क्यूँ लोगों को, सचा समजते हो

हर सच और झूट में लोगों का मतलब,

तुम समझ क्यूँ नही सकते

 

इस दुनिया में सब बेकार है, सब झूट है

बस, खुद तुम, ओर माँ-बाप एक

ही सच की दिवार है

 

बस इस कल्यूग में, वो एक ही भगवान है

ये बस तुम, समझ क्यूँँ नहीं सकते

 

खुद के लिए खुद से बस खुद आगे बढ़ो

 और खुद अपनी मंजिल हासिल करो।


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