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Prakash Kumar Khowal

Abstract

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Prakash Kumar Khowal

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कामयाब

कामयाब

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• कामयाब *

वक्त वो आ गया है, जिसका तुझे इंतजार था

बन के दिखा तू सितारा, जिसके लिए तू बेकरार था

अब तुम हो जाओ तैयार, सुबह को तेरा इंतजार है

रख यकीन तू अब, तेरी काबिलियत तेरा हथियार है


मायूस मत होना,तेरे सिर पर हर वक्त खुदा का हाथ है

अब तुझे घबराना नहीं, दुआ हजारों कि तेरे साथ है

बस चलते जा अपनी राह पर, मंजिल को तेरा इंतजार है

तेरा जुनून, तेरा हौसला ही, तेरा सबसे बड़ा हथियार है


आज तक मां बाप ने तेरे, हर सपने को पूरा किया है

उन्होंने अपने जीवन का, हर पल सिर्फ तुझे ही दिया है

मौका है अब तेरे हाथ में, जाकर उनका कर्ज चुका दे

उड़ान भर आसमां की ओर, ज्ञान से अपने आसमां झूका दे


डाल दे जान और जुनून, बस जीतकर तुझे वापस आना है

अपने मां-बाप के लिए, एक खूबसूरत पंरिदा तुझे लाना है

अब पीछे नहीं मुड़ना है, अपनी मंजिल को तुझे पाना है

अब लड़ कर तुझे दिखाना है, “कामयाब” बनकर आना है।    


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