काम करो, कुछ काम करो
काम करो, कुछ काम करो
काम करो कुछ काम करो,
जग में हो कुछ नाम करो।
काम शब्द से निष्काम जुड़ा है,
निष्काम कर्म ही मुक्ति दाता है।
निष्काम कर्म, का ज्ञाता ही
असली योगी होता है।
निष्काम कर्म ही गीता का सार है,
जो करता भव बंधन से पार है।
कर्महीनता जिस पर सवार है,
वह सदा बनता लाचार है।
इसीलिये आलस्य का त्याग करो,
काम करो, कुछ काम करो।
फल के इच्छुक न होकर
जो आश्रित होता भगवान पर,
होकर उससे प्रसन्न ईश्वर,
करते उनका काम सफल हर।
करो विश्वास सदा ईश्वर पर,
निश्चिंत हो सब कुछ छोड़ उनपर।
अब न रहेगा तुम्हें कोई डर,
रहोगे जग में सदा विजयी होकर।
इसीलिए काम करो, कुछ काम करो
जग में रहकर कुछ नाम करो।
