जय जय भारत भारती
जय जय भारत भारती
जय जय भारत भारती !
कोटि कोटि कंठो से बोलेन,
जय भारत जय भारती !
जय जय भारत भारती !
उत्तर में हिमालय सुशोभित
दक्षिण में सागर आलोकित
जिसका है हर कण आलोकित
बारी–बारी आकर ऋतुएं
जिसको सदा संवारती,
जय जय भारत भारती !
जिसका आंगन बड़ा सलोना
हरा भरा जिसका हर कोना
जिसकी धरती उगले सोना
जिसके चप्पे-चप्पे पर
श्री वैभव है को वारती,
जय जय भारत भारती !
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई
जैन, बौद्ध है भाई -भाई
सबने है आवाज लगाई,
आओ मिल कर आज
उतारें भारत माँ की आरती,
जय जय भारत भारती !
कोटि कोटि कंठों से बोलेन,
जय भारत जय भारती,
जय जय भारत भारती !