जन्मदिन विशेष
जन्मदिन विशेष


जीवन का एक और साल इतिहास बन गया।
जो था अब तक आज, वह सब कल बन गया
हर सुबह एक उमीद, विश्वास बन गया,
चले थे जिन राहों पर वह अब आसान बन गया।
बीत गई वह बचपन, बीत गया वह सब,
कभी घरों के आँगन तो कभी दोस्तों के संग।
पता नहीं कब छुट गया वह जीवन का रंग।
अभी तो और चलना है, गिरना है, संभलना है
मंजिलें जो दिख रहा है उसे पाना है,
इन राहों में कितने आएंगे, साथ निभायेंगे,
फिर याद बन कर दिलों में रह जायेंगे।
मगर ना रुकेंगे, ना झुकेंगे, उम्र के साथ।
कुछ आज नहीं, तो कुछ कल,
जरूर पाएंगे मिलकर अपनों के साथ।
जीवन का एक और साल इतिहास बन गया,
जो था अब तक आज, वह सब कल बन गया।