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VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

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VIPIN KUMAR TYAGI

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जल बचाना आज की जरूरत

जल बचाना आज की जरूरत

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जल है बचाना, कल है बचाना इस धरा पर जीवन को भी है बचाना,

समझदारी से भी जल है बचाना, प्रेरित करके भी जल है बचाना,

हर हाल में जल हमें है बचाना,

आज धरा पर 1 प्रतिशत से भी कम पीने योग्य जल है बचा,

इसे भी संरक्षित कर है बचाना, बढ़ती जनसंख्या बढ़ता जल प्रयोग,

लापरवाही से व्यर्थ होता जल, इसे भी अपने प्रयासों से हमें है बचाना,


कृषि में पुराने प्रचलित सिंचाई के तरीकों से व्यर्थ होता अधिकांश जल,

बागवानी में भी सिंचाई के पुराने तरीकों से व्यर्थ होता जल,

इसे भी अपने प्रयासों से हमें है बचाना,

उद्योगों में भी बेतहाशा प्रयोग होता जल, उद्योग धंधे प्रदूषण के बाद

बिना प्रदूषण मुक्त किए नदी नालों में बहाते प्रदूषित जल,

इसे भी अपने प्रयासों से हमें है बचाना,


सूखते जल श्रोत, सूखती नदिया, घटता पृथ्वी के अंदर का जल, प्रदूषित होती नदिया,

प्रदूषित होते जल श्रोत ,प्रदूषित होता पृथ्वी के अंदर का जल,

इसे भी अपने प्रयासों से हमें है बचाना,

वर्षा जल को बर्बादी से है बचाना, वर्षा जल का संरक्षण है करना,

छोटे छोटे तालाब बनाकर, छोटे छोटे मकान के नीचे टैंक बनाकर,

बड़े बड़े बांध बनाकर इस जल का संरक्षण भी है करना,

इसे भी अपने प्रयासों से हमें है बचाना,


जागरूकता से, नियम बनाकर, दंड देकर या जो भी प्रयास हम कर सकते है

उससे जल का संरक्षण भी है करना, इसे भी अपने प्रयासों से हमें है बचाना,

जल है बचाना, कल है बचाना इस धरा पर जीवन को भी है बचाना,

समझदारी से भी जल है बचाना, प्रेरित करके भी जल है बचाना,

हर हाल में जल हमें है बचाना



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