जीवन एक सपना
जीवन एक सपना


क्यों बात -बात पर
ऐ मानव उदास होता है
जरा दुःख देखा नहीं और
चीख़-चीख़ कर रोता है।
मुसीबतें तो आएंगी और
साथ ही चुनौतियां भी
तेरी परीक्षा लेने को
वो आएंगी हर एक घड़ी।
हौसला ना हारना
और ना ही तू रोना
बेकार में ना इसको
तुम गंवा देना।
जीवन तो है उसका दिया
एक सुन्दर सा सपना
खुली आँखों से देख इसे
और सपनों को पूरा करना।