जीत निश्चय है हमारी।
जीत निश्चय है हमारी।
कोरोना वुहान से आया, लगता इसे प्राप्त वरदान।
मानवता का है ये शत्रु, तोड़ देंगे इसका अभिमान।
विश्व की भांति भारत को, इस जंग से लड़ना है।
हर जंग में हुआ विजेता, ठान फिर से करना है।
हमे है कोरोना से लड़ना, मानव तुम करो एकता।
अनेकता में होती एकता, ये भारत की विशेषता।
समाजिक दूरी रखना है, ये जीत हमे दिलवाएगी।
आखिर ये बकरे की माँ, कब तक खैर मनाएगी।
बीमार से न लड़ना हमे, कोरोना से लड़ लीजिये।
जंग की दवा बस दुआ, योद्धा सम्मान कीजिये।
मूल धर्म क्या है? अपना, जरा तुम यह सोचना।
धर्म, जाति और पार्टीवाद, ये पड़ेगा अब छोड़ना।
आत्मविश्वास व संकल्प से, जीत निश्चय है हमारी।
इस भारत के गौरव का, गान करेगी दुनिया सारी।