✍️जागो पुजारी जागो✍️ ( 38 )
✍️जागो पुजारी जागो✍️ ( 38 )


अवे तो जागी जो मारा पुजारी भाई,
किटला दाडा हुई रोगा,
आयवो मौकौ सुटी जाऐगा,
पसे तमे पसताओगा,
लोकतंत्र नो नगाडों वाग्यो है,
फिरी आवो मौकौ न मलेगा,
रणभेरी वागी उठी है,
किटला क दाडा भीख मागोगा,
कारे अधिकार मागोंगा,
आतो परजातंन्र है,
ईतो मुटका गणैं है भाईयों,
मौकौ मल्यो है,
या तो गणावीं लो, नि तो कपवि लो,
हांजे हवारें मन्दिरे मे घंन्टा वगाड्या,
तमे करी न शक्या कोई बिजो काम धंन्धो,
पिढीया खपि गई, पुजारी कारवां में,
जिवन आख्यो गुजारी दिघो मंदिरो मा,
सेवा पुजारी करते थक
ि,
खतरो खितरो माते मंडरायो,
पिढीयो नो कब्जो खतरा में आयो,
जयपुर में हबायो है,
शक्ति प्रदर्शन नो रणमैदान,
कुण, कुण हुमाई जाहों,
घणा पुजारी भाई गरीबि मे दाडा,
कुण अपने हामे जुवैगा,
न के करो अवे तमे देरी,
आयवो कलवो जातो रहा,
हुनानो कटोरों हवै, चुराई जाहें,
भीकशा मागवी अवे सोडो,
आपडो अधिकार मांगों,
लौडु तपिलु है, घुण मारि दो,
एक एक तो पिलाई जावोगा,
हित्ता मली नी, हात निभावो,
नई तो आय्वो मौकौ निकली जाऐगा,
पसे पसतावोगा, मारा भाईयो
जागो तो जागी जावो मारा पुजारी भाइयो !