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AJAY AMITABH SUMAN

Abstract

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AJAY AMITABH SUMAN

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ईश्वर की राह

ईश्वर की राह

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कितना सरल है सच ?

कितना कठिन है सच कहना।


कितना सरल है, प्रेम ?

कितना कठिन है, प्यार करना।


कितनी सरल है, दोस्ती,

कितना मुश्किल है, दोस्त बने रहना।


कितनी मुश्किल है, दुश्मनी ?

कितना सरल है, दुश्मनी निभाना।


कितना कठिन है पर निंदा,

कितना सरल है, औरों पे हँसना।


कितना कठिन है, अहम भाव,

कितना सरल है, आत्म वंचना करना।


कितना सरल है, बताना किसी को,

कितना मुश्किल है, कुछ सीखना।


कितनी सरल है, राह प्रभु की ?

कितना कठिन है, प्रभु डगर पे चलना।


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