STORYMIRROR

Santosh Pradhan

Inspirational

3  

Santosh Pradhan

Inspirational

ईश्वर और कर्म

ईश्वर और कर्म

1 min
163

कर्म ही पूजा है !

कर्म बिना किसी का ना , कोई दूजा है !!


प्रेम ईश्वर की स्तुति है !

दया मानव की प्रवृत्ति है !!


दया से ना कोई परेेय है !

प्रेम के बिना दया ना कोई दुजा है !!


सच्चाई ईश्वर की देन है !

सच्चाई बिना किसी का न कोई दुजा है !!


प्रेम मेें समर्पण ही मानव की पहचान है !

प्रेम बिना ये संसार सूना - सूना है !!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational