ईश्वर और कर्म
ईश्वर और कर्म
कर्म ही पूजा है !
कर्म बिना किसी का ना , कोई दूजा है !!
प्रेम ईश्वर की स्तुति है !
दया मानव की प्रवृत्ति है !!
दया से ना कोई परेेय है !
प्रेम के बिना दया ना कोई दुजा है !!
सच्चाई ईश्वर की देन है !
सच्चाई बिना किसी का न कोई दुजा है !!
प्रेम मेें समर्पण ही मानव की पहचान है !
प्रेम बिना ये संसार सूना - सूना है !!
