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VIPIN KUMAR TYAGI

Abstract

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VIPIN KUMAR TYAGI

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हथकड़ी से आजादी

हथकड़ी से आजादी

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अपराधियों के लिए जंजीर है हथकड़ी,

अपराध रोकने में सहायक है हथकड़ी,

बदमाश जब करता है अपराध,

बन जाता जब नासूर समाज के लिए,

तब उसे रोकने का कार्य करती है हथकड़ी,


अपराधियों के लिए भय का पर्याय है हथकड़ी,

अपराधियों पर नियंत्रण का कार्य करती है हथकड़ी,

जब अदालत से किसी अपराध में अपराधी को

निर्दोष ठहराया है जाता, तब हथकड़ी का

ताला खोला है जाता व आरोपित की

भी मुक्ति करती है हथकड़ी,


समाज में बड़ी खराब नजरों से देखी जाती है हथकड़ी,

आरोपित को भी चैन कि सांस मिलती

जब उसको भी मुक्त करती है हथकड़ी,

खुशी का पल होता है, सुकून मिलता व

आजादी मिलती है जब खुलती है हथकड़ी,


अपराधियों के लिए जंजीर है हथकड़ी,

अपराध रोकने में सहायक है हथकड़ी।


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