हम सैनिक होना सीख गए
हम सैनिक होना सीख गए
वेतन का मोह छोड़ अब हम
वतन का होना सीख गए।
वर्दी डाल खाकी का अब हम
फ़र्ज़ निभाना सीख गए।
रख बटुए में पूरा परिवार अब
तस्वीरों में जीना सीख गए।
छोड़ आये अब माँ को अपनी हम
मातृभूमि का होना सीख गए।
याद आये जब पिता की अपनी
हम कठोर सा बनना सीख गए।
छोड़ पीछे बहन की राखी अब हम
रक्षा करना सीख गए।
बाँध सर पर कफ़न मौत का अब
मौत से निडरता सीख गए।
जात धर्म से ऊपर उठ अब हम
हिंदुस्तानी होना सीख गए।
