हिन्दुस्तान की पहचान है हिन्दी
हिन्दुस्तान की पहचान है हिन्दी


एक सूत्र में बांधे हिन्दी,
इसका आज करो उद्धार।
हिन्दुस्तान की पहचान है हिन्दी,
मत करो इसका अपमान।
छंद सोरठा चौपाई पल्लवित हो हिन्दी में।
अनुप्रास रूपक और श्लेष से,
अंलंकृत कर
हृदय को झंकृत के हिन्दी।
रची बसी है कण-कण में,
प्राण समाहित हैं इसमें।
गजल हज़ल गीतों से ये,
आन्दित करती सबको ये।
क्यों अंग्रेजी के पीछे भागें,
हिन्दी को क्यों तुच्छ बतायें।
दुश्मन के षणयन्त्रों को तुम,
क्यों न समझ पाओ।
मृग तृष्णा को भगा,
भारत का मान बढाओ।
इसकी वैज्ञानिकता समझो,
संस्कृत ने इसे जन्म दिया।
इसके महामंत्रों के जाप से,
जन जन का कल्याण करे
मुश्किल दूर भगाये।
एक सूत्र में बांधे हिन्दी,
इसका आज करो उद्धार।
हिन्दुस्तान की पहचान है हिन्दी
मत करो इसका अपमान। ।