हे माँ,तेरा मेरा ये कैसा वास्ता…
हे माँ,तेरा मेरा ये कैसा वास्ता…
हे माँ, तेरा मेरा ये कैसा वास्ता….
मेरी हर मुसीबत में याद आए तू
मेरी हर ख़ुशी में ख़ुशी के आँसू बहाए तू
घर आने के मेरे इंतज़ार में तू तकती रहती मेरा रास्ता
हे माँ, तेरा मेरा ये कैसा वास्ता...
तूने ही संजोए हमारे लिए ये ख़्वाब…ये सपने
एक तरफ़ तू और एक तरफ़ ये सारे अपने
तेरे बिन अधूरी सी है ये जीवन की दास्ताँ
हे माँ, तेरा मेरा ये कैसा वास्ता….
कोशिश करूँगा तेरी ख्वाहिशों…तेरे अरमानों को पूरा कर पाऊँ…
अपनी अगली पीढ़ी….अपने बच्चों को तेरे जैसी तालीम दे पाऊँ…
उन्मे जगा पाऊँ अच्छाई और ऊपर वाले के लिए आस्था….
हे माँ, तेरा मेरा ये कैसा वास्ता……