STORYMIRROR

Ajaykumar Dwivedi

Inspirational

3  

Ajaykumar Dwivedi

Inspirational

है हिन्दी मेरी भाषा।

है हिन्दी मेरी भाषा।

1 min
185


मेरा अंग्रेजी से बैर नहीं, है हिन्दी मेरी भाषा।

मात पिता भाई बहन, बन्धु सा अपना नाता।

हिन्दी है मेरे रग रग में, मैं हिन्दूस्तां का वासी हूँ।

हूँ पढ़ता लिखता हिन्दी में, हिन्दी ही मन को भाता।


मेरा अंग्रेजी से बैर नहीं, है हिन्दी मेरी भाषा।

मात पिता भाई बहन, बन्धु सा अपना नाता।


माँ बाबूजी कहना और कहना दादी नानी। 

होते ही रात वो सुनना हिन्दी में कहानी।

दादी के गोद में सोना माँ के आँचल का बिछौना। 

सिखाता हमको अ अनार और ज्ञ से भईया ज्ञानी। 

रिश्तों के बंधन में बंधना हिन्दी से है आता। 


मात पिता भाई बहन, बन्धु सा अपना नाता।

मेरा अंग्रेजी से बैर नहीं, है हिन्दी मेरी भाषा।


आती है मुझ को अंग्रेज

ी पर हिन्दी में बतियाता हूँ।

सुनकर अपनों के मुख से अंग्रेजी मैं डर जाता हूँ।

नहीं समझ में आता सब हिन्दी से कतराते क्यूँ?

देख के हिन्दी की हालत मैं अक्सर घबराता हूँ।

हिन्दी के बिना बच्चों में संस्कार कहा है आता।


मेरा अंग्रेजी से बैर नहीं, है हिन्दी मेरी भाषा।

मात पिता भाई बहन, बन्धु सा अपना नाता।


हर भाषा को पढ़ें लिखें पर हिन्दी में सब काम करें।

आओ हम सब मिलकर अपनी हिन्दी पर अभिमान करें।

बच्चों को अपने सिखलायें हिन्दी का मान बढ़ाये वो।

ऐसा इक दिन ले आयें सब हिन्दी का सम्मान करें।

हिन्दी से ही राग प्रेम कविताओं में भी आता।


मात पिता भाई बहन, बन्धु सा अपना नाता।

मेरा अंग्रेजी से बैर नहीं, है हिन्दी मेरी भाषा।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational