STORYMIRROR

सुधीर गुप्ता "चक्र"

Abstract

3  

सुधीर गुप्ता "चक्र"

Abstract

हाथ

हाथ

1 min
307

स्त्री जाति की

विडम्बना देखो

चाहें

बच्ची हो या

जवान औरत

उसके हाथ

कभी खाली नहीं रहते हैं

बचपन

स्कर्ट नीचे करने में

और

जवानी

दुपट्टा ठीक करने में

व्यस्त रहते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract