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Charu Diwan

Inspirational

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Charu Diwan

Inspirational

हां मैं औरत हूं

हां मैं औरत हूं

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हां मैं औरत हूं

जीती भी हूं जागती भी हूं।

क्यूं तुम सोचो की मुझे तुम्हारी जरूरत है

जबकि सच ये है की सिर्फ मुझ पर ही तुम्हारी हुकूमत है

क्यू इस दुनिया में मेरे लिए पिता या पति का होना जरूरी है

जबकि बिन इन दोनों के भी मेरा खुद पे यकीन जरूरी है

क्यूं हर कदम पर मुझे बेबस बेसहारा समझते हो

क्यूं मुझ पर तंज ताने कसते हो

क्या मुझमें जान नहीं

क्या मुझमें सम्मान नहीं

मुझे भी मौका देकर देखो

साथ में खड़ा करके तो देखो

क्यूं मेरी शाबाशी पर खुद कंधा आगे करते हो

क्यूं मेरी हर मंजिल पर यूं टेढ़ी नज़रे करते हो

बस अब बहुत हुआ चुप नहीं रहूंगी मैं

खुद को आगे करूंगी मैं

इस नए दौर नई दुनिया में

खुद ही खुद को सवारूंगी

हां मैं औरत हूं

कुछ सुलझी सी कुछ उलझी सी

खुद में खुद को खोजती सी

अब सोच लिया पीछे मुड़कर ना देखूंगी

मैं औरत हूं मैं औरत हूं

यही बताना है सबको मैं औरत हूं

पहले मेरा सम्मान करो

फिर महान अपना ज्ञान कहो।



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