हां,मै एक नारी हूं
हां,मै एक नारी हूं
मै एक नारी हूं मै आधी आबादी हूं,
मै इस संसार को चलाने वाली हूं,
मैं सभी को जन्म देने वाली हूं,
मेरे बिना किसी घर की रौनक नहीं,
मेरे बिना कोई कार्यक्रम भी पूरा नहीं,
मै एक नहीं दो घर को साथ साथ संभालती हूं,
मैं अपने मायके के साथ साथ अपनी ससुराल को भी संभालती हूं,
मै कभी बहन का कर्तव्य निभाती हू,
मैं कभी पत्नी का कर्तव्य निभाती हूं,
मैं कभी मां का कर्तव्य निभाती हूं,
मैं कभी ऑफिसर बन अपनी ड्यूटी पूरी करती हूं,
मै कभी सामाजिक जिम्मेदारी निभाती हूं,
मैं कभी राजनेता की जिम्मेदारी निभाती हूं,
मै कभी कार्यालय की जिम्मेदारी निभाती हूं
मै एक साथ अनेक जिम्मेदारी निभाती हूं,
मेरे इतने सारे कार्य एक साथ ,फिर भी मुझे पीड़ित किया जाता है,
मेरे बिना इस सांसारिक जीवन का कोई भी कार्य पूरा नहीं हो सकता ,
फिर भी मुझे प्रताड़ित किया जाता है,
मै कभी बलात्कार की शिकार बनती हुं,
मैं कभी जिंदा जलाई जाती हूं,
मै कभी तलाक की शिकार बनती हूं,
मुझे कभी घर से निकाला जाता है
मै कभी छेड़ छाड़ की शिकार बनती हुं
मैं कभी एसिड अटैक की शिकार बनती हूं,
मै नहीं जानती कि बार बार मुझे ही शिकार क्यों बनाया जाता है
जबकि में किसी की बहन,किसी की पत्नी,किसी की मां हूं,
प्राचीन काल में मेरी पूजा होती थी,
मुझे कभी लक्ष्मी कभी शक्ति कभी मां शारदा मान कर पूजा जाता रहा,
आज भी कोई भी यज्ञ मेरे बिना पूरा नहीं माना जाता,
मै सम्मान की अधिकारी हूं, मैं एक नारी हूं,
मैं अबला नहीं हूं, मैं बराबर की अधिकारी हूं!