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Kevin Shah

Inspirational

1.9  

Kevin Shah

Inspirational

गौरक्षक

गौरक्षक

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प्रिय गौरक्षक,

आज कहे हम आपको

बकरी ईद आ रही है अब तो,

हो तुम वंशज राम-बुद्ध-महावीर के

गौरक्षा का फर्ज है तुम पे।


प्रिय गौरक्षक,

पकड़ रखे थे, पशू इतने सारे

छोटी सी जगह में बंध थे बेचारे,

ना पूरा होने पाए, उनका कोई सपना,

पशु रक्षा है मकसद अपना।


प्रिय गौरक्षक,

है गैरकानूनी गौमांस, कई राज्यों में,

पर होती रहती है, उनकी हेराफेरी कब से,

दूसरे पशुओं का भी दूध है पिया हमने,

तो उनका भी माँ जैसा कर्ज है हम पे।


प्रिय गौरक्षक,

बचा ले निर्दोष पशुओं को आज हम,

पर मत रखना बैर किसी से तुम,

मिले जब गाड़ी की ख़बर,

बुलाना हैं पुलिस को तुम्हें।

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प्रिय गौरक्षक,

जगाए रखो मानवता की ज्योत तुम

निर्दोष पशुओं का कत्ल कैसे देखें हम,

रहें सुरक्षित पशु गौशाला में,

मिलेंगे खाने के लिए चारा-पानी उन्हें।


प्रिय गौरक्षक,

दयाधर्म पर खड़ा है आर्यदेश अपना,

ना बहने पाए खून की नदिया,

बुलंद करो करुणा का मन्त्र तुम,

बचाए लाखों पशुओं को आज हम।


प्रिय गौरक्षक,

न जाने पाओ करने, पशुओं की सेवा,

तो कर पाओगे दान तुम थोड़ा?

न होने पाए, जब यह भी तुमसे,

अपील करो बाकी लोगों से।


प्रिय गौरक्षक,

तुम पर है आस हमारी

अहिंसा की बड़ी है जिम्मेदारी,

नई पीढ़ी को भी हमे है सिखानी

जीवदया कभी नहीं भुलानी।


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