फ़ितरत कुछ ऐसी उसकी मौका देखकर
फ़ितरत कुछ ऐसी उसकी मौका देखकर
फ़ितरत कुछ ऐसी उसकी
मौका देखकर रंग बदलना
बिलकुल गिरगिट की तरह
फितरत
आसतीन के साँप जैसी
कभी भी डस लेना
फितरत भूखे भेड़िये सी
शिकार की तलाश में
शातिर निगाहें
दहाड़े शेर जैसे
फ़ितरत ऐसे जैसे हो
राजा महाराजा कहीं का
पल पल रूप बदलता
किसी बहरूपिऐ सा
ओह,शक्ल तो इंसानों जैसी थी
लेकिन फ़ितरत ?