एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
मोहब्बत उनकी भी जायज़ थी, ऐसा ग़ुरूर था उनको,
इश्क़ मेरा भी पाक़ था, ऐसा यकीं था मुझको,
रोज़े हमने भी रखे, आयात उन्होंने भी पढ़े,
सच्चाई धुँधली सी हुई,
जब हमारे रोजे में उनकी दुआ,
और उनके आयात में किसी और का नाम था।
