एक अधूरा सा प्यार मुझे भी हुआ
एक अधूरा सा प्यार मुझे भी हुआ
एक अधूरा सा प्यार मुझे भी हुआ था,
क्या बताऊँ,
उस पहली मुलाक़ात में ही,
दिल डगमगा सा गया था,
ज़िंदगी में कोई आ रहा है
ऐसा अहसास छुआ था
उस पहली मुलाक़ात में ही
वो ऐसे रिझा गया था
फिर एकबार दिल को
प्यार करना सिखा गया था
बातों का सिलसिला,
मिलना, मिलाना शुरू हो गया था
यूँ ही खली बैठ के मुस्कुराना
और उस प्यार के अहसास में
खो जाना भी शुरू हो गया था
जैसे वो समुन्दर था,
और मैं एक तिनका
ख़ुद को बिना सम्भाले,
डूबती जा रही थी
एक बार मिले हम,
फिर दो बार मिले
मैंने दिल की सुनी
और हम बार-बार मिले
ऐसे चहक रही थी मैं
संग उसके बहक रही थी मैं
जब छू ले तो,
दिल धड़क सा जाता था
फिर बिना कुछ बोले,
मेरे प्यार का अहसास
उसे भी हुआ था
फिर से कहती हूँ एक बार
“एक अधूरा - सा प्यार
मुझे भी हुआ था !”
जब उसको मेरी चाहत का ऐतबार हुआ,
उसको मुझसे प्यार नहीं,
घबराहट का अहसास हुआ था
डूबता देख मुझे
वो रह नहीं पाया,
बोला,
हाथ देता हूँ,
साथ देता हूँ
तू किनारे तक आजा
मैं तुझसे प्यार नहीं करता हूँ
दिल का टूटना,
क्या होता है,
पता है मुझे
इसलिय कहता हूँ
किनारे तक आजा
तबतक हाथ देता हूँ,
साथ देता हूँ
इस प्यार के समुन्दर में
जो डूब गयी
तो निकालना मुश्किल है
दिल जब टूटता है
तो सम्भालना मुश्किल है
और तेरा जो दिल टूटा तो,
ख़ुद को ज़िम्मेदार
- कहना भी मुश्किल है
उसके प्यार में
ऐसे बहकने लगी थी
एक अधूरे प्यार में
ख़ुद को पूरा समझने लगी थी
दिल कहने लगा था,
रह बस यूँही,
आज नहीं तो कल,
उसे तुझपर ऐतबार होगा
और उसे भी तुझसे प्यार होगा
ना जाने क्यूँ,
ख़ुद को इश्क़ में
बरबाद कर रही थी
एक अधूरे से प्यार में ही,
ख़ुद को खो रही थी
बस इसी आस में,
उसे भी कही मुझसे
प्यार हो जाए
और मै उसकी, वो मेरा,
प्यार हो जाए
एक अधूरा सा प्यार
मुझे भी हुआ था...!
दोस्त भी मुझे अब समझाने लगे
एक अधूरे प्यार की सच्चाई बताने लगे
वक़्त लगा, वक़्त लगा
ख़ुद को समझने में
अधूरे प्यार को उसकी सचाई दिखाने में
वक़्त ही मरहम बना था तब
ऐसे अधूरे प्यार को मिटाने में
क्या बताए आपको
एक अधूरा सा प्यार
मुझे भी हुआ था...!