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Vaanya Jain

Abstract Inspirational Children

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Vaanya Jain

Abstract Inspirational Children

एक आवाज़

एक आवाज़

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प्रतिदिन हूं मैं पढ़ती, सुनती और समझती,

उन बेजुबान जानवरों की मार्मिक हस्ती।

सर्कस, रोडियो और फैक्ट्री फार्म,

पीड़ा, दर्द और असहनीय वेदना का हैं दूसरा नाम।


तीखी बारिश में छूटा श्वान,

डुबाई हुई बिल्ली, जलाया हुआ पिल्ला।

बेरहम वैज्ञानिकों के दर्दनाक परीक्षण,

यह है वह भयानक सत्य जो लगे अति तीक्ष्ण।


इन मासूमों की जुबान,

इस्पे लगा है पहरा।

और हर इंसान है बैठा,

बना गूंगा और बहरा।


हम सबके पास है चुनाव,

क्योंकि हम सबकी है दमदार आवाज़।

अपने इरादे को है करना बुलंद,

ताकि इन बेजुबानों की कहानी न पढ़े मंद।


आओ मिलके करें बहिष्कार,

अत्याचारियों को सिखाओ सबक।

समय लगेगा बदलने में इनकी मार्मिक स्थिति,

पर बूंद बूंद से ही बदलेगी इन मासूमों की परिस्थिति।


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