दयालुता
दयालुता
दयालुता एवं परोपकार है नेतिक गुण
इन्हें कभी ना छोड़ना तुम
यह फ़ेलाए समाज में ख़ुशी
एवं मिटाए अनेतिक गुण
ईमानदारी है अच्छे लोगों का हत्यार
जो हमें बनाए एक मिसाल
दोहराना इसे बार बार
होता हे समाज के लिए अच्छा यार
मित्रता होनी चाहिए सबके अंदर
सब हे भाई भाई
दुश्मनी हे बुरी
देती है तनाई
प्यार हे एक ऐसा तोफा
होना चाहिए सच्चा
जो सच्चा प्यार दे
दिल मत तोड़ना ना उसका
न्याय होना चाहिए सही
उसमें कोई भई बंधु नहीं
न्यायपूर्ण कार्य करते रहो
इस समाज को नैतिक गुण से भरते रहो
जब अनेतिक गुण बढ़ने लगे
बुराई का हो आगमन
नैतिक गुणों को दो बढ़ावा
और करो बुराई का अंत।