दिल की दस्तक
दिल की दस्तक
दिल की दहलीज पर हुई इक दस्तक
के दुनिया भुल गया मैं
सारी दुनिया रुक सी गयी
और तेरे साथ चला मैं
तुझसे कहना था जो
तेरे इश्क़ का नगमा
जेहन मे अब ना रहा है
के दुनिया भुल गया मैं
सारी दुनिया रुक सी गयी
और तेरे साथ चला मैं...
तू जो आये तो लगता है
चांद फलक पे आया है
खिलने लगा है आसमाँ
इश्क़ का इत्तर हवाओ मे छाया है
निगाहे जुड़ने लगी हैं
निंदे भी उड़ने लगी हैं
रौशन् हुआ है ये जहाँ
धड़कन बढने लगी है..
कैसे बयाँ करु राज ए अशिकी का
तेरे साथ मुक्कमल है
सफर जिंदगी का...
जिंदगी के हसीन सफर मे
मुझे यार मिला है
सारी दुनिया रुक सी गयी है
और तेरे साथ चला मैं..!