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Kaustubh Nadgir

Abstract Drama

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Kaustubh Nadgir

Abstract Drama

दिल के दरवाजे

दिल के दरवाजे

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यूँ तो जिन्दगी ने कई ग़म दिए।

पर मुस्कराने के मौके भी कहाँ काम दिए।।


यूँ तो जिन्दगी ने कई ग़म दिए।

पर मुस्कराने के मौके भी कहाँ काम दिए।।


अफसोस के दस्तक देती थी जब हर मोड़ पर खुशी।

मैंने थे ग़म मैं दिल के दरवाजे बंद किए।।


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