दिल चाहता hai-2
दिल चाहता hai-2
हर इच्छा का मूल्य चुकना
पड़ता है कभी ना कभी
यह बात समझ में आयें है अभी।
आज सामाजिक जनवार है घर में कैद
किसी को देखते ही लेते हैं एक हाथ का गैप।
हाथ धो-धो कर चमड़ी गई घीस
एक छोटा सा जीव लाया है प्रलय बीज।
दिल चाहता है कि
हस्ती खेलती दुनिया मिले तुरंत प्रभाव से
वापस हो जनजीवन सुचारू
निरंतर चलने वाली दुनिया थमी है जिससे
वो विषाणु निकले धरती से।
दिल चाहता है
स्वास्थ्य रहे सबका मस्त
हम वापस हो जाए व्यस्त।
दिल चाहता है
दिल चाहता है।