डॉक्टर और कोरोना
डॉक्टर और कोरोना
कोरोना हृदय में घर किये
पर कर्तव्य का प्रण लिये।
रोगियों की सेवा हेतु
निकल पड़ा वो मन लिये।।
रोगी और कोरोना के बीच
प्रहरी सा वो खड़ा है
लड़ेगा जब तक सांस है
लक्ष्य पर वो अड़ा है ।।
दम्भ भर कूदे समर में
अगणित कदम आगे बढ़े
निरोगी संसार हो सदा ही
बलि वेदी पर हर्षित चढ़े ।।
कभी दुत्कारते -फटकारते
लोगों का सामना किया है ।
वो ही तो है डॉक्टर
सदा औरों हेतु जिया है।।
