चुनौती
चुनौती
हर मोड़ पर मिली है , मुझे एक चुनौती,
चुनौती खुद को स्थापित करने की,
काबिलियत साबित करने की,
खुशकिस्मत हूं कि दुनियां जहां से,
मिल रहा प्यार बेशुमार,
इस तरह प्यार और आशीर्वाद की कल्पना भी न थी,
अब तो ज़िंदगी की जंग ,जीत जाऊंगी मैं,
हर चुनौती को ,पार कर जाऊंगी मैं,
आज़ाद ही रही मैं विचारों से,
फिर भी सही –गलत का फर्क,
नही भूली ,
शौक तो नहीं है कि इतिहास के पन्नों पर लिखी जाऊं ,
इच्छा ज़रूर है कि जीवन को एक अर्थ दे जाऊं।
न कोई पद है ना ही कोई अधिकार,
फिर भी खुशकिस्मत हूं,
जो पास में है कलम की धार ,
इतिहास तो बीत गया, हो न सकता कोई सुधार।
फिर भी कुछ सीखकर ,किया जा सकता है भविष्य में सुधार ।।
हर मोड़ पर मिली......