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अनुरोध श्रीवास्तव

Comedy

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अनुरोध श्रीवास्तव

Comedy

चलो अब घर को चलते

चलो अब घर को चलते

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पढ़ते-पढ़ते झड़ गये

अब तो सर के बाल

फिर भी मिली न नौकरी

गली न अपनी दाल

चलो अब घर को चलते।


सूटकेस को हाथ ले

पिया गये परदेश

पकड लिया है पीलिया

भिक्षुक जैसा वेष

चलो अब घर को चलते।


चढ़ा भूत जब इश्क का

सज-धज कर नित जाँय

पड़ गयी चप्पल गाल पर

वापस लौटे धाय

चलो अब घर को चलते।


पीकर चाय कटिंग का

चर्चा देश-विदेश

घर से पहुँची वींदणी

पकड़ लिया है केश

चलो अब घर को चलते।


गाँव की चौपाल में

हुई हैं आँखें चार

नेताजी नें नेता को

दिये हैं जूते मार

चलो अब घर को चलते ।


सुबह सवेरे लोटा लेकर

शौच को बाहर जाँय

पटक दिया है साँड नें

मुँह से निकला हाय

चलो अब घर को चलते।


सीजन है बारात का

मुर्गा रोटी खाँय

उठी मरोड जब पेट में

भया कहाँ को जाँय

चलो अब घर को चलते।


मिड डे मील स्कूल में

मैडम जी भी दक्ष

फुर्सत नहीं मोबाइल से

सूना पड़ा है कक्ष

चलो अब घर को चलते।


निकले थे शिकार को

दिया है कुत्ता भौंक

डरकर वापस आ गये

उतर गया सब शौक

चलो अब घर को चलते।


मैं भी हूँ खिलाड़ी

खेलता मैं भी खेल

गिल्ली डण्डा खेलते

हो गया मैट्रिक फेल

चलो अब घर को चलते।


पढ़ा था किताब में

नहीं साँच को आँच

बोल दिया सच्चाई जब

मुझपे टूटे पाँच

चलो अब घर को चलते।


बाइक लेकर जा रहे

कानों लगा है तार

कीचड़ में हैं जा गिरे

उतर गया बुखार

चलो अब घर को चलते।


दारू जब अंदर गया

शुरू ज्ञान की बात

बनो शिष्य तब बैठकर

और जोड़ लो हाथ

चलो अब घर को चलते।


सेक्रेटरी,प्रधान जी

सबके जोड़ें हाथ

शौचालय बनवाई लो

समझ न आवै बात

चलो अब घर को चलते।


कानों में कुछ लगा है

औ डब्बा है हाथ

सर पर रख कर टोकरी

हँसे बात-बेबात

चलो अब घर को चलते।


छिड़ा हुआ है चुनाव

मची है काँव-काँव

जेठ की इस दोपहर में

मतदाता ढूढ़े छाँव

चलो अब घर को चलते।


कटवाने को इलेक्शन ड्यूटी

लिखा बहाना खूब

मिली अनिवार्य सेवानिवृत्ति

जियो मेरे महबूब

चलो अब घर को चलते।


देख चुनाव का मौसम

मैं भी लपका जाय

जीभर के घूमा-फिरा

मुर्गा-रोटी खाय

चलो अब घर को चलते।


चहुँओर इलेक्शन का

मचा हुआ है शोर

नेताजी इस ताक में

मैं जाऊँ किस ओर चलते


नयी नवेली दुल्हन को

दिया लगाय गुलाल

सुकुमारी हँसने लगी

चेहरा लाल गुलाल

चलो अब घर को चलते।


सफेद शर्ट पहन के निकले

लिए हैं पान चबाय

गिरी पीक जब शर्ट पर

बीवी है गुस्साय

चलो अब घर को चलते।


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