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Vinita Shah

Inspirational

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Vinita Shah

Inspirational

चल सको

चल सको

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सफ़र में धूप है तुम्हारे, 

तुम चल सको तो चलो। 

भीड़ भारी है बहुत यदि निकल सको तो चलो। 

लक्ष्य आगे है तुम्हारा, यदि पा सको तो चलो। 

कई बने हैं साॅंचे, 

यदि तुम उनमें ढल सको, तो चलो। 

यहाॅं बदलती नहीं है कभी राहें, 

यदि तुम बदल सको 

तो चलो। 

यहाॅं रास्ते नहीं मिलते किसी को, 

कभी अपना रास्ते खुद बना सको, तो चलो। 

सफ़र में धूप है तुम्हारे, 

तुम चल सको तो चलो। 

ज़िंदगी में कुछ ख़्वाब है, कुछ उम्मीदें भी, 

यदि पूरी कर सको तो चलो। 

कुछ खिलौने हैं इंसानों की सूरत में, 

यदि तुम उन्हें समझ सको, 

तो चलो।

हर एक को अपने रास्ते की तलाश है, यदि ढूॅंढ सको अपने रास्ते तो चलो। 

ज़िंदगी लोगों की बदल सको तो देखो, 

यदि बदल सके तो चलो। 

चारों ओर गहरा है कोहरा सब धुॅंधला- धुॅंधला-सा है, 

इससे बाहर खुद निकल सको तो चलो। 

सफ़र में धूप है तुम्हारे, चल सको 

तो चलो।


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