बरगद मेरा यार
बरगद मेरा यार
बरगद मेरा है तू यार
करती हूँ मैं तुझसे बहुत प्यार
बीता है मेरा बचपन
तुम्हारे पीछे छुपकर
कभी छुपन छुपाई ,और कभी तुमसे झूमकर
तब भी तुम मुझे नही लगते थे पेड़
अब भी तुम हो मेरे लिए मेरा घर
जभ भी तेरे पास आती हूँ
तो किसी चीज का नही लगता मुझे डर
तुम्हारी ही छाव में
पढ़ती थी मैं किताबे
अच्छे लगते थे मुझे
वो हरियाली के तेरे नजारे।
बचाया है तूने मुझे पापा की डांट से
भैय्या की परेशानी से
अब मेरी बारी है दोस्त,
में तुम्हे बचाऊंगी इस प्रदूषण से।
