Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Mukesh Modi

Inspirational

4  

Mukesh Modi

Inspirational

भूल करो स्वीकार

भूल करो स्वीकार

1 min
73


लक्ष्य के पथ पर होती रहती हमसे भूल हजार

कर लो अपनी भूल को सहज रूप से स्वीकार


एक ही भूल को यदि तुम बारम्बार दोहराओगे

अज्ञान रूपी बेहोशी में स्वयं को सोया पाओगे


खुद से होने वाली किसी ग़लती से ना घबराओ

ग़लती है उन्नति की निशानी आगे बढ़ते जाओ


अपनी भूल से शिक्षा लेने की आदत को पालो

चिन्तन मनन करके भूल का समाधान निकालो


खुद में छिपे अवगुणों की जासूसी करते जाओ

मुझ में क्या क्या अवगुण ये सबसे पूछते जाओ


अपनी ही ग़लतियाँ अगर खुद से ही छिपाओगे

जीवन में कोई सफलता कभी नहीं तुम पाओगे


अपनी सभी ग़लतियाँ जब करोगे तुम स्वीकार

तुम्हारी सफलता में हर ग़लती बनेगी मददगार


तुम्हारी मनो स्थिति शांत और स्पष्ट हो जाएगी

विघ्नों रूपी धुन्ध भी लक्ष्य पथ से छंट जाएगी


ग़लतियों से सबक सीखना स्वयं को सिखाओ

इसी आदत को तुम सफलता की सीढ़ी बनाओ


खुद के प्रति बनते जाओ तुम पूरे ही ईमानदार

गुणों को बनाओ अपनी सफलता का हथियार


अपने कर्म व्यवहार में गुणों को तुम अपनाओ

सर्व गुणों को अपने व्यक्तित्व का अंग बनाओ


गुणों की प्रचुरता से तुम सफलता को पाओगे

सबके लिए तुम आदर्श व्यक्तित्व कहलाओगे



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational