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Alok Singh

Inspirational

5.0  

Alok Singh

Inspirational

भगवान- खुदा- जीजस- गुरु

भगवान- खुदा- जीजस- गुरु

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मेरा भगवान-खुदा-जीजस-गुरु मुझसे कहता है


बहुत आतें है मेरी गली सर झुकाने को 

मेरी रहमत की बारिश में खुद को भिगाने को 

मैं उनसे पूछता हूँ तुम मुझे यूँ ढूनते क्यूँ हो

मैं रहता हूँ तुम्हीं में जब फिर क्या रखा है

मुझे आजमाने को


खुदी से पूछ लो रिश्ता हमारा तुमसे क्या है 

मेरी चाहत दिखावा है नहीं जब, फिर क्या रखा है

मुझे तुमको दिखाने को


ये दुनिया गोल है फिर क्यों भागते तुम हो

मैंने सब रास्ते बुने थे सबको पास लाने को।

हो ज़िंदा तब तलक ही जब तक हो तुम सबके जहन में 

फिर क्यों ऐसे कर्म करते हो सबके दिलों से दूर जाने को।


ये दुनिया खूबसूरत है रहो इसमें ख़ुशी से तुम

करो कोशिश हमेशा तुम सबके काम आने की।


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