भगवान है क्या???
भगवान है क्या???
भगवान है क्या ? ये किसने जाना है ?
एक डर है सबके सीने में,
जिससे पूजता ज़माना है।
पाप और पुण्य का जो गाते गाना है,
अपने कर्मो को छुपाने के बहाना है।
धर्मों में क्यों बँधता ज़माना है?
एक डर है सबके सीने में,
जिसे निभाता ज़माना है।
यहाँ का लेन-देन सब यहीं चुकाना है,
दुनिया में जो आया उसको जाना है।
मौत है क्या पंकज ?
एक नींद या खत्म फ़साना है ?
एक डर है सबके सीने में,
जिससे डरता ज़माना है।