बेटियाँ
बेटियाँ
कहते हैं माँ की कमी कोई नहीं पूरी कर सकता
सच ही तो है
पर
माँ के जाने के बाद
दिल यूँ था जैसे सूना आकाश
लेकिन मन में थी इक आस
कल को बिटिया बांट लेगी
भरे मन की छोटी छोटी बात
लो
समय पंख लगा उड़ चला
माँ को देखूं खुद में
खुद को देखूं बेटी में
है अब वो हर पल मेरे दिल में बसी
चाहे कहीं भी रहे दूर या पास
उफ़
ये समय का पहिया
कितनी तेजी से भागता
यही तो है जीवन चक्र
प्यार दो प्यार लो