बेरहमी
बेरहमी
उजाड़ दी वो ज़मीन उन्होंने
जहाँ हमने ख़ुशियों का
महल बनाना चाहा था,
बेरहमी तो तब हुई,
जब टूटे हुए अरमानों को
दफनाने के लिए
जगह तक ना दी....
उजाड़ दी वो ज़मीन उन्होंने
जहाँ हमने ख़ुशियों का
महल बनाना चाहा था,
बेरहमी तो तब हुई,
जब टूटे हुए अरमानों को
दफनाने के लिए
जगह तक ना दी....