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Abhi Abhi

Abstract Classics

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Abhi Abhi

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बचपन सुहाना

बचपन सुहाना

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ना पाने की आशा, ना खोने का डर।

अपनी ही धुन, सपनो सा था सफर।


ना आज की चिंता, ना कल का ठिकाना।

दोस्तों से ज़िन्दगी,सिर्फ अपना ही फ़साना।


हर बात में ढूंढते खुशियों का खज़ाना।

काश मिल जाए मुझे, वो बचपन सुहाना।


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