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Dr Mahima Singh

Inspirational

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Dr Mahima Singh

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बौद्धिक आतंकवाद

बौद्धिक आतंकवाद

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आतंक वाद क्या है ये समझने से पहले

आओ जाने कि ये कहाँ कहाँ नहीं है?

है गहरी बहुत जड़े 

इसकी ना पूछो इसका विस्तार कितना!

है बौद्धिक आंतक भी

बड़ा ही खतरनाक ।

इस आतंक के मालिक के

को आता एक ही स्वप्न दिनरात कि हम ही हम,

 हम ही जाने सबकुछ

 बाकी जन बुर्बक ।

जब बोलो जब बाटो

अपना ज्ञान किसी से,

गर सिखला पाओ किसी एक को भी

मिलती उससे जो खुशी 

माप न उसको पाओगे

पाओगे आनंद जो उस क्षण 

कतिपय मुक्त हो सकोगे तुम 

बौद्धिक आतंकवाद से।

कुछ बाँटे अधकचरा ज्ञान

ज्ञान है वो विषैला आतंकवाद

'जो डसता सम्पूर्ण जग के

असतित्व को, आओ बांटें ज्ञान

लाए कुछ परिवर्तन

हो यही लक्ष्य हमारा

तुम्हारा । तुम भी

अच्छे हम भी अच्छे।

वो कहते हैं न कि

दुबते को तिनके का

सहारा ही अच्छा ।

तो सीखो और

सांझा करो नही 

इसमे कोई बुराई

आओ मिलकरा भगाए

बौद्धिक आतंकवाद को करे नाश

इस विषबेल को अतिशीघ्र,

क्योकि मूर्ख भी बने प्रयत्न से महान 

कवि कालीदास है ।।


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